महाकाली की मूर्ति से निकलता है पसीना

आपने देवी मां के कई चमत्कारों के बारे में सुना होगा। आज आपको एक ऐसे दैवीय स्थान के बारे में बता रहे है जिसे सुनकर आप चकित रह जाएंगे। जी हां, देश में एक मंदिर ऐसा है जहां महाकाली की मूर्ति को भी गर्मी लगती है और पसीना भी निकलता है। मंदिर प्रबंधन ने माता को पसीना से बचाने के लिए वातानुकूलित (एसी) कमरे बनवाए हैं। यह मंदिर मध्यप्रदेश के जबलपुर के सदर इलाके में स्थित है।
मंदिर के पुजारी पंडित प्रभा शंकर मिश्रा के मुताबिक, लगभग 550 साल पुरानी काली माता की भव्य प्रतिमा गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित की गई थी। मान्यता है कि स्वयंसिद्ध देवी की प्रतिमा को जरा-सी भी गर्मी सहन नहीं होती और मूर्ति से पसीना निकलने लगता है। माता को गर्मी से राहत दिलाने के लिए भक्तों ने मंदिर में एयर कंडीशनर लगवा दिया है। पसीना निकलने के कारणों की अनेक बार खोज भी की गई है, लेकिन ये चमत्कार सभी के समझ से परे है।
इस मंदिर के पुजारियों की मानें तो गोंड रानी दुर्गावती के शासनकाल में मां शारदा और काली की मूर्ति को मंडला से जबलपुर की मदनमहल पहाड़ी पर स्थापित करने के लिए लाया जा रहा था। उस दौरान रात होने की वजह से मूर्तियों को रास्ते में रख दिया गया। इसके बाद सुबह होते ही जब उनको ले जाने लगे तो शारदा देवी की प्रतिमा तो उठ गई, लेकिन काली माता की मूर्ति उस स्थान से टस से मस नहीं हुई। उसी समय से मां यहीं विराजमान हैं। इसी महिमा की वजह से करीब पांच सौ साल पुराना माता का ये मंदिर पूरे देश-प्रदेश में विख्यात है। हालांकि, शारदा देवी को मदनमहल की पहाड़ी पर स्थापित कर दिया गया।
उसी समय से मां काली की स्थापना यहां हुई और आज कई सालों बाद भी मां की प्रतिमा जस की तस है। माता के माथे पर गर्मी के दिनों में बहुत पसीना आता है। जिसके बाद मंदिर प्रबंधन ने पहले पंखे और कूलर लगवाए, लेकिन इनसे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। जिसके बाद अब एसी लगवा दिए गए हैं। कई बार ये जानने की कोशिश भी की गई कि आखिर माता को पसीना कहां से आता है, पर कोई रहस्य नहीं जान सका। इस मंदिर में हर समय माता मौजूद मानी जाती हैं, इसलिए मंदिर के अंदर किसी को भी रात को नहीं सोने दिया जाता।

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