लक्ष्मीजी को रिझाने के लिए पहनें ये खास अंगूठी, बदल जाएगी किस्‍मत

कछुआ शांति, धैर्य, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए कछुआ लक्ष्मी जी का भी प्रिय होता है। ऐसे में लोगों को ऊर्जा व आत्मविश्वास के लिए कछुआ अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है। पुराणी कथाओं के अनुसार, कछुआ भगवान विष्णु का एक अवतार रहा है। कछुआ धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। कछुए अंगूठी पहनते समय यह हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। इससे घर में धन आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बाहर का पैसा आपकी ओर आकर्षित करता होगा।

कछुए के शेप की अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहनें। आप जब भी कछुए की अंगूठी खरीदने जाये तो शुक्रवार का दिन शुभ होता है। खरीदने के बाद तुरंत ही ना पहने उसे लक्ष्मी जी के सामने दूधिया पानी से धोकर अगरबत्ती कर पहनें। ऐसा बल्कि नहीं है कि अंगूठी पहनने के बाद तुरंत धन की बरसात होगी। जो आपके भाग्य का धन होगा, उसकी रुकावटें दूर हो जाएंगी।
कछुआ अंगूठी को गुरूवार को पंचामृत में स्ना्न कराकर सुबह 8 से 9 के बीच में पहनने से मां लक्ष्मीज की विशेष कृपा बरसने लगती है।
कछुए को देखते ही उससे जुड़ी सारी धारणाओं की तरफ हमारा ध्यान चला ही जाता हैं, और इसी के चलते हमारे ध्यान की ऊर्जा का प्रवाह उस और हो जाता हैं, जिसके चलते हम धैर्य और शांत स्वभाव को रखते हुए समय पर लक्ष्य का भेदन कर समृद्धि को प्राप्त करते हैं। ऐसे में कछुआ अंगूठी पहननी चाहिए।
कछुआ अंगूठी पहनते वक्त यह ख्याल रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। जिससे धन अपनी ओर आये, ऐसा माना जाता है यदि घर में बरकत न हो रही हो, किसी तरह की परेशानी आपका पीछा न छोड़ रही हो या फिर बीमारियों की वजह से तंग आ गए हों तो कछुआ अंगूठी पहननी चाहिए।
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