पितरों का श्राद्ध करते समय रखें इन बातों का ध्यान

इस वर्ष पितृ पक्ष श्राद्ध (02 सितंबर दिन बुधवार) से प्रारंभ हो गए है, जो 17 सितंबर तक चलेंगे। इन दिनों में पितरों को पिंडदान करते हैं, जिससे वे तृप्त होते हैं। इससे परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आती है। पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म के भी नियम होते हैं, जिसका पालन करना आवश्यक माना गया है। इन नियमों से श्राद्ध कर्म को पूरा करने से पितर तृप्त होते हैं।

हिंदू धर्म में देवों के समान ही पितरों को भी बहुत विशेष स्थान देते हैं। ऐसे में पौराणिक मान्यताओं को माना जाए तो देवों से पहले पितरों की पूजा अर्चना का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इन 16 दिन हमारे पितृ पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। इन दिनों में पितरों को पिण्ड दान तथा तिलांजलि कर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए।

तर्पण या पिंडदान...
अपने पितरों को तृप्त करने की क्रिया तथा देवताओं, ऋषियों या पितरों को काले तिल मिश्रित जल अर्पित करने की प्रक्रिया को तर्पण कहा जाता है। तर्पण ही पिंडदान कहलाता है। पितरों को तृप्त करने के लिए श्रद्धा पूर्वक जो प्रिय भोजन उनको दिया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है।

श्राद्ध के नियम...
पितरों के श्राद्ध के लिए कुछ नियम हैं, जिनका अनुसरण करना जरूरी है। आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक दक्षिण दिशा में होता है। इस वजह से पूरा श्राद्ध कर्म करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

2. पितर की तिथि के दिन सुबह या शाम में श्राद्ध न करें, यह शास्त्रों में वर्जित है। श्राद्ध कर्म हमेशा दोपहर में करना चाहिए।

3. पितरों को तर्पण करने के समय जल में काले तिल को जरूर मिला लें। शास्त्रों में इसका महत्व बताया गया है।

4.
पितरों को जो भी भोजन दें, उसके लिए केले के पत्ते या मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करें। जो लोग इन नियमों का पालन करते हुए श्राद्ध कर्म को पूरा करते हैं, वे स्वर्ग के भागी बनते हैं।

5.
श्राद्ध कर्म के पूर्व स्नान आदि से निवृत्त होकर व्यक्ति को सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करें, मांस-मदिरा का सेवन न करें। मन को शांत रखें।
शनि की साढे़साती के अशुभ फलों के उपाय
ज्योतिष : इन कारणों से शुरू होता है बुरा समय
केवल 3 सिक्के चमका सकते हैं किस्मत

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team