क्‍या आपकी कुंडली में है पत्रकार बनने के योग?

आज कल कई लोग मीडिया जगत में जाने के लिए काफी लोगउत्सुक रहते है लेकिन उनको अपना फ्यूचर पता नहीं चल पाता| आइये जानते हैं कि है मीडिया में (पत्रकारिता में) जाने के लिए आपका कौनसा ग्रह सबसे सबसे ज्यादा मजबूत होना चाहिए? ग्रहों का विभिन्न राशियों में स्थित होना भी व्यवसाय का चयन करने में मदद करता है। यदि चर राशियों में अधिक ग्रह हो तो जातक को चतुराई, युक्ति निपुणता से सम्बधित व्यवसाय में सफलता मिलती है। यह ऐसा व्यवसाय करता है जिसमें निरंतर घूमना पड़ता हैं| यदि किसी जातक की कुंडली में चन्द्र और बुध की युति हो तो ऐसा जातक कवि, पत्रकार लेखक बनता है।

कुंडली
में पत्रकार बनने के लिए बुध दशम भाव व शुक्र का अध्ययन करना चाहिए। पत्रकार अच्छा व्यवहार विश्लेषक वक्‍ता होता हैं वाणी प्रभावशाली होती हैं। जब कुंडली में द्वितीय भाव में बुध उच्च राशि में हो व चतुर्थ भाव में चंद्र हो हो तब जातक अच्छा पत्रकार बनता है चतुर्थ भाव जनता का हैं। द्वितीय भाव वाणी का हैं दशम भाव कार्य वयवसाय का भाव है। बुध लेखनी दशम भाव लोगों की नज़र का भी भाव हैं। तृतीय भाव लोगों की बोलती बंद करने का भी भाव है। तृतीय भाव मे जब गुरु शुक्र का सम्बन्ध हो द्वादश भाव में केतु हो ऐसे में जातक जबरदस्त प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला पत्रकार होता हैं व सभी की वक्‍ताआें की बोलती बंद कर देता हैं बुध चनद्र चतुर्थ भाव में हो दशम मे उच्च गुरु हो शनि का सम्बन्ध शुक्र से सम्बन्ध लगन में हो ऐसे में प्रिंट मीडिया कि तरफ़ ध्यान आकर्षित करने वाला श्रेष्ठ ईमानदार पत्रकार होता हैं।
अनुभव में आया है कि मिथुन, कन्या, वृषभ, तुला, मकर और मीन लग्न के लोग लेखन कार्य में अवश्य हो सकते हैं। ज्यादातर बड़े लेखक इन्ही लग्नों में जन्मे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमेश यदि नवम् भाव में हो तो एक सफल लेखक बनने के लिए यह एक उत्तम ग्रहयोग है। जन्मकुंडली में यदि सरस्वती योग योग बन जाए तो आप उच्चकोटि के लेखक हो सकते हैं। सरस्वती योग, शारदा योग, कलानिधि योग एक ही होते हैं। इनके नाम अलग अलग हैं जब कुंडली में केन्द्र, त्रिकोण और द्वितीय भाव में एक साथ या अलग-अलग बुध , शुक्र और गुरु ग्रह बैठते हैं तो यह महान योग होता है। इस प्रकार के व्यवसायों में वांछित योग्यता के लिए तृतीय भाव, बुध तथा लेखन के देवता गुरु की युति श्रेष्ठ परिणाम देती है।
लेखन कार्य में कल्पनाशक्ति की आवश्यकता रहती है। इसलिए कल्पनाकारक चंद्रमा की शुभ स्थिति भी वांछित है।जुझारू पत्रकारिता के युग में मंगल, बुध, गुरु के बल व किसी शुभ भाव में युति के फलस्वरूप पत्रकारिता व संपादन कार्य में सफलता मिलती है। लेखन कार्य के तृतीय भाव के बल की भी जांच करनी होगी। बुध दशम भाव में गुरु के साथ हो द्वितीय भाव में चनद्र हो पंचम में उच्च शनि से राहु द्रष्ट हो ऐसे में जातक समाचार पत्रों का संपादन या प्रकाशन का कार्य करता है। तृतीय भाव में केतु बुध हो द्वितीय भाव में सूर्य हो दशम मे उच्च का शनि हो ऐसे में जातक समाचार चैनलों में मुख्य पत्रकारिता का कैरियर जातक प्राप्त करता है।
शुक्र बुध चतुर्थ भाव में हो दशम मे मंगल के साथ राहु हो द्वितीय भाव में सूर्य की दृष्टि हो ऐसे में जातक प्रसिद्ध समाचार पत्र का प्रकाशन करता है। बुध दशम भाव में निच राशि में हो शनि द्वादश भाव में हो तृतीय भाव में केतु के साथ गुरु हो ऐसे में जातक खोदकर खबर प्रकाशित करने वाला पत्रकार होता हैं गुरु केतु का सम्बन्ध जातक ऊँचाईयो पर लेजाने वाला होता हैं।
राहु अष्टम भाव में हो गुरु केतु बुध की राशि में द्वितीय भाव में हो बुध दशम भाव में चनद्र के साथ हो ऐसे जातक प्रसिद्ध परिवार सहित पत्रकारिता के श्रेत्र मे अग्रणीय पत्रकार होता हैं गुरु बुध केतु तृतीय भाव में हो दशम मे उच्च का शुक्र हो लगन में सूर्य हो ऐसे में देश का सबसे प्रसिद्ध पत्रकार होता हैं।
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