अगर दिखने लगें ये संकेत तो समझो मकान में है वास्तुदोष

अगर मकान में रहने वाले लोग बार-बार बीमार पड़ने लगें, घर में झगडे ज्यादा होने लगें, लाभ से ज्यादा व्यय हो, ज्यादातर लोगों की मानसिक स्थिति बार-बार बिगड़ने लगे, घर में डर लगने लगे, अकेले या रात में मकान में अजीब सी आवाजें आने लगे, चलते काम रूकने लगे, मकान में आत्माएं दिखने लगे, लगातार घर में क्लेश रहने लगे, बुरे सपने दिखें, शादी या संतान में रुकावट हो या घर में भारीपन रहे तो समझिए कि घर में वास्तु दोष है।  ऐसे में ज्योतिष सलाह लें और बताए खास उपायों को भी अपनाने की कोशिश करें।

यदि
आपके मकान के सामने किसी प्रकार का वेध यानी खंभा, बड़ा पेड़ या बहुमंजिला इमारत हो तो इसकी वजह से आपका स्वास्थ्य या आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।

यदि वेघ दोष हो तो निम्न उपाय करना कारगर होगा। अपने मकान के सामने लैम्प पोस्ट लगा लें, यदि यह संभव नहीं हो, तो घर के आगे अशोक का वृक्ष और सुगंधित फूलों के पेड़ के गमले लगा दें.तुलसी का पौधा स्वास्थ्य के लिए शुभ होता है।

यदि कोई बहुमंजिली इमारत आपके सामने हो, तो फेंगशुई के अनुसार अष्ट कोणीय दर्पण, क्रिस्टल बाल तथा दिशा सूचक यंत्र लगा सकते हैं। बड़ा गोल आईना मकान की छत पर ऎसे लगाएं कि मकान की संपूर्ण छाया उसमें दिखाई देती रहे।

यदि मकान के पास में फैक्टरी का धुआं निकलता हो, तो एग्जास्ट पंखा या वृक्ष लगा लें। यदि मकान में बीम ऎसी जगह हो जिसके कारण आप मानसिक तनाव महसूस करते हो तो बीम से उत्पन्न होने वाले दोषों से बचाव के लिए यह उपाय अपना सकते हैं।

शयनकक्ष में बीम हो, तो इसके नीचे अपना बैड या डाइनिंग टेबल नहीं लगाएं। यदि ऑफिस हो तो मेज व कुर्सियां नहीं रखें। बीम के दोनों ओर बांसुरी लगा दें, इससे वास्तुदोष निवारण हो जाता है। पवन घंटी बीम के नीचे लटका दें या बीम को सीलिंग टायलस से ढक दें।

बीम के दोनों ओर हरे रंग की गणपति प्रतिमा लगा दें, यह वास्तु दोषनाशक मानी जाती है। यदि मकान का कोई कोना आपके मुख्य द्वार के सामने आए, तो स्पॉट लाइट लगाएं. जिससे प्रकाश आपके घर की ओर रहे तथा सीधा ऊंचा वृक्ष बीच में लगा दें।

शयनकक्ष में घी का दीपक व अगरबत्ती करें जिससे मन प्रसन्न रहे, इस बात का घ्यान रखें कि झाड़ू शयनकक्ष में नहीं रखें। मकान में मुख्य द्वार पर देहरी बना लें, इससे बुरे व अन्य दोष घर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।

ईशान कोण के दोष के लिए इस दिशा में पानी से भरा मटका रखें. इस कोण को साफ-सुथरा रखें। अग्नि कोण दोष निवारण के लिए कोने में एक लाल रंग का बल्ब लगा दें जो दिन-रात जलता रहे। वायव्य कोण दोष निवारण के लिए इस ओर की खिड़कियां खुली रखें, ताकि वायु आ सके। एग्‍जॉस्ट पंखा भी लगा सकते हैं।

नैऋत्य कोण दोष निवारण के लिए इस कोने को भारी बनाएं, स्टोर बनाना यहां शुभ होता है। शयनकक्ष में दर्पण का प्रतिबिंब पलंग पर न पड़े तथा डबल बेड पर एक ही गद्दा रखें, तो ठीक रहेगा।

पति-पत्नी में प्रेम के लिए प्रेमी परिंदे का चित्र या मेडरिन बतख का जोड़ा रखें अथवा सपरिवार प्रसन्नचित मुद्रा वाला चित्र लगाएं। डायनिंग टेबल को प्रतिबिंबित करने वाला आईना आपके सद्भाव व भाग्य में वृद्धि करता है, इसे लगाएं।

पूजा घर पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) में होना चाहिए तथा पूजा यथासंभव प्रातः 06 से 08 बजे के बीच भूमि पर ऊनी आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर ही करनी चाहिए। पूजा घर के पास उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सदैव जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए इससे घर में सपन्नता आती है।

मकान के उत्तर पूर्व कोने को हमेशा खाली रखना चाहिए। घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए, उसे पैर नहीं लगना चाहिए, न ही लांघा जाना चाहिए, अन्यथा घर में बरकत और धनागम के स्रोतों में वृद्धि नहीं होगी।

पूजा घर में तीन गणेशों की पूजा नहीं होनी चाहिए, अन्यथा घर में अशांति उत्पन्न हो सकती है. तीन माताओं तथा दो शंखों का एक साथ पूजन भी वर्जित है। धूप, आरती, दीप, पूजा अग्नि आदि को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं, पूजा कक्ष में, धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड हमेशा दक्षिण पूर्व में रखें


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