अकाल मृत्यु् से बचने के लिए करें इस दिन यमराम की पूजा

कल यानी एक नवंबर को यमद्वितीया और भैया दूज दोनों पर्व हैं। इस दिन यमुना में स्नान कर यमुना जी और यमराज की पूजा की जाती है। इन दोनों की पूजा से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता। इसी दिन कायस्थ समाज के साथ भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा भी करते हैं।
भैया दूज के दिन हर भाई अपनी बहन के यहां दोपहर बाद जाएं। बहन से तिलक आदि लगवा कर भोजन करें। साथ ही उपहार आदि प्रदान करें। बहन प्रसन्न होकर भाई को शुभकामनाएं देती है। अपनी बहन न होने पर मामा, काका की बेटी या मित्र की बहन के यहां भोजन करना भी अच्छा रहता है। इससे बहन के सुहाग की भी रक्षा होती है।
भाई दूज तिलक मुहूर्त
इस साल भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ समय दिन में 01 बजकर 09 मिनट से लेकर 03 बजकर 20 मिनट तक का है।
भाई दूज पूजा विधि
भाई दूज के दिन बहनों को भाई के माथे पर टीका लगा उसकी लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए। इस दिन सुबह पहले स्नान करके विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इसके उपरांत भाई को तिलक लगाना चाहिए।

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