जानिए-कुंडली के अनुसार विदेश यात्रा के योग

जन्म कुंडली में इंसान के बारे में सब कुछ होता है। इंसान की कुंडली से बहुत से शुभ-अशुभ के बारे में जान सकते है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में योगों के साथ विदेश यात्रा के योग भी मौजूद होते हैं। जी हां, ज्योतिष के अनुसार, जब अनुकूल ग्रहों की दशा/अन्तर्दशा कुंडली में चलती है तब व्यक्ति विदेश जाता है।

वर्तमान समय में विदेश जाना सम्मान की बात भी समझी जाने लगी है और अधिक पैसे की चाहत में भी लोग विदेश यात्रा करने लगे हैं। बहुत बार व्यक्ति विदेश जाने की इच्छा तो रखता है लेकिन जा नहीं पाता है।

आइए उन योगों के बारे में जाने जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस कुंडली में ‘विदेश जाने के योग’ बनते हैं। आइए जानते है।

कुंडली के अनुसार विदेश यात्रा के योग...

1. ज्योतिष के मुताबिक, जन्म कुंडली में सूर्य लग्न में स्थित हो तब व्यक्ति विदेश यात्रा करने की संभावना रखता है।
2. कुंडली में बुध आठवें भाव में स्थित हो।
3. कुंडली में शनि बारहवें भाव में स्थित हो तब भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
4. लग्नेश बारहवें भाव में स्थित है तब भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
5. जन्म कुंडली में दशमेश और उसका नवांशेश दोनो ही चर राशियों में स्थित हो तब भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं।

विदेश यात्रा का समय...
1. जन्म कुंडली में यदि उच्च के सूर्य की दशा चल रही हो तब व्यक्ति के विदेश जाने के योग बनते हैं।
2. यदि उच्च के चंद्रमा या उच्च के ही मंगल की भी दशा चल रही हो तब भी व्यक्ति विदेश यात्रा करता है।
3. उच्च के बृहस्पति की दशा में भी व्यक्ति की विदेश यात्रा होती है।
4. यदि मंगल बली होकर लग्न में स्थित है या सूर्य से संबंधित है तब मंगल की दशा में भी विदेश यात्रा होने की संभावना बनती है।
5. कुंडली में बृहस्पति की दशा चल रही हो और वह सातवें या बारहवें भाव में चर राशि में स्थित हो तब भी विदेश यात्रा हो सकती है।
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